जन्नत से मुतअल्लिक अकाइद | Jannat Ke Bare Me Musalmanon Ka Aqeeda
जन्नत से मुतअल्लिक अकाइद | Jannat Ke Bare Me Musalmanon Ka Aqeeda
जन्नत एक घर है जिसे अल्लाह कियामत के दिन हिसाबो-किताब के बाद ईमान वालों को रहने के लिये अता फरमाएगा।
- जन्नत में ऐसी नेमतें और राहत के ऐसे-ऐसे सामान होंगे जिनके बारे में दुनिया में कोई सोच भी नहीं सकता।
- जन्नत में सौ दर्जे हैं, हर दर्जे के दरमियान इतना फासला है जितना ज़मीन और आसमान के दरमियान है और हर दर्जा इतना वसीअ (चौड़ा) है कि अगर तमाम आलम को एक ही दर्जा में जमा कर दिया जाए तो आसानी के साथ समा जायें।
- जन्नत में सोने चांदी, हीरे और किसम-क़िसम के जवाहेरात से बने हुए महल हैं।
- जन्नत में चार दरिया जारी हैं। एक पानी का , दूसरा दूध का, तीसरा शहद का और चौथ शराबे तहूर .और उसमें से नहरें निकल कर हर घर में जारी हैं।
- जन्नत में जन्नतियों को हर किसम के लज़ीज़ से लज़ीज़ खाने दिये जायेंगे। जब कुछ खाने या पीने का जी चाहेगा, फौरन वो चीजें उनके पास हाज़िर कर दी जायेंगी।
- वहां नजासत, गंदगी, पाखाना, पेशाब, थूक, रींठ, कान का मैल, बदन का मैल वगैरहा चीजें बिल्कुल न होंगी।
- एक खुश्बूदार डकार आएगी और सब खाना हज़म हो जायेगा।
- हर शख्स सौ आदमियों के बराबर खाने पीने और जिमाञ् (हम-बिस्तरी) करने की ताकत दी जायेगी।
- जन्नतियों की ज़बानों पर हर वक़्त सांस की तरह तस्बीह जारी रहेगी।
- सब जन्नतियों में आपस में इत्तिफाक होगा, किसी किसम का इख़्तिलाफ, बुग़ज़, हसद और कीना न होगा।
- जन्नतियों के सर के बालों, पलकों और भवों के अलावा बदन पर कहीं बाल न होगा। तीस साल के नज़र आयेंगे, कभी इससे ज़्यादा न दिखाई देंगे। न उनके लिबास पुराने होंगे और न ही कभी उनकी जवानी फना होगी।
- अल्लाह ताला जन्नत के एक बाग में तजल्ली (जुहूर) फरमाएगा, तमाम जन्नती उस तरह साफ-साफ खुदाए तआला का दीदार करेंगे जैसे सूरज और चौधवीं रात के चांद को देखते हैं।
- जन्नती जब एक दूसरे से मिलना चाहेंगे तो एक का तख़त दूसरे के पास चला जायेगा।
- जन्नत में सिर्फ नेमतें और आराम मिलेगा, तक्लीफ नाम की कोई चीज़ न होगी और न ही कोई रंजो-ग़म होगा।
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