वज़ू की सुन्नतें | Wazu Ki Sunnaten
वज़ू की सुन्नतें | Wazu Ki Sunnaten
(1) नियत करना।
(2) बिस्मिल्लाह से शुरू करना ।
(3) दोनों हाथों को गट्टों तक तीन मर्तबा धोना।
(4) मिस्वाक करना।
(5) दाहिने हाथ से तीन कुल्लियां करना।
(6) दाहिने हाथ से तीन मर्तबा नाक में पानी डालना।
(7) बाएं हाथ से नाक साफ करना।
(8) हाथ और पैर की उंगलियों का खिलाल करना।
(9) हर उज को तीन-तीन बार धुलना।
(10) पूरे सर का एक बार मसह करना।
(11) कानों का मसह करना।
(12) तरतीब से वज़ू करना ।
(13) अज़ाए वज़ू को पै-दर-पै धुलना।
(14) सारे मक्रूहात से बचना।
☆ कम अज़ तीन मर्तबा दाहिने, बाएं, ऊपर नीचे के दांतों में मिस्वाक करें और हर मर्तबा मिस्वाक को धो लें।
☆ मिस्वाक न बहुत नरम हो, न सख़्त । पीलू, जैतून या नीम वगैरा कड़वी लकड़ी की हो।
☆ मिस्वाक हाथ की छोटी उंगली के बराबर मोटी और ज़्यादा से ज़्यादा एक बालिश्त लम्बी हो, इतनी छोटी न हो कि मिस्वाक करना दुश्वार हो ।
☆ मिस्वाक दाहिने हाथ से इस्तेमाल करें और इस तरह हाथ में लें कि छोटी उंगली मिस्वाक के नीचे और बीच की तीन उंगलियां ऊपर और अंगूठा सिरे पर नीचे हो और मुट्ठी न बांधें ।
☆ दांतों की चौड़ाई में मिस्वाक करें, लम्बाई में न करें कि मसूढ़े ज़खमी होने का डर होता है। पहले दायीं जानिब के ऊपर के दांत साफ करें फिर बायें जानिब के ऊपर के, फिर दायीं जानिब के नीचे के, फिर बायीं जानिब के नीचे के। जब मिस्वाक करना हो, इसी तरह जब मिस्वाक कर लें तो उसे धो लें, जमीन पर पड़ी न छोड़ें, बल्कि खड़ी रखें और रेशे की जानिब ऊपर हो । * अगर मिस्वाक न हो तो उंगली से दांत मांझ लें। अगर दांत न हों तो मसूढ़ों पर उंगली फेर लें।
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