दुरूद शरीफ की फ़ज़ीलत | Durood Shareef Ki Fazilat
दुरूद शरीफ की फ़ज़ीलत | Durood Shareef Ki Fazilat
दुरूद शरीफ अल्लाह की अज़ीम नेमतों में से १ नेमत है जो अल्लाह ताला ने अपने बन्दों को अता फ़रमाया है। हदीस में दुरूद शरीफ की बे शुमार फ़ज़िलतें बयां की गई हैं। दुरूद शरीफ हुज़ूर से क़रीब होने का ज़रियाः है। दुरूद के ज़रिये बन्दा हुज़ूर से क़रीब होगा और दुरूद पढ़ना हुजूर की मोहब्बत की दलील है। हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसूद से रिवायत है की सरकार सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया '' क़यामत के दिन मुझ से सब से ज़्यादा क़रीब वो शक्श होगा जो मुझ पर कसरत से दुरूद पढ़े। أوْلَی النَّاسِ بِي يَومَ القَيَامَةَ أَکْثَرُهُمْ عَلَيَّ صَلَاةً.
(ترمذی، الجامع الصّحيح، أبواب الوتر، باب ماجاء في فضل الصّلاة علی النّبي صلی الله عليه وآله وسلم، 1 : 495، رقم : 484)
दुरूद शरीफ जिस्मानी और रूहानी बिमारियों का इलाज है
दुरूद वो अमल है की इंसान के बदन और उसके दिल को हर तरह की गन्दगी से साफ सुथरा कर देता है। हज़रत अबू हुरैरह से रिवायत है की हुज़ूर ने फ़रमाया मुझ पर दुरूद पढ़ा करो तुम्हारा दुरूद पढ़ना तुम्हारे लिए रूहानी और जिस्मानी पाकीज़गी का सबब है। صلّوا عليّ فإنّ الصّلاة عليّ زکاةٌ لّکم.
(ابن أبي شيبة، المصنف، 2 : 253، رقم : 8704)