जुमा की नमाज़ पढ़ने का तरीका | Juma Ki Namaz Ka Tarika
जुमा की नमाज़ पढ़ने का तरीका | Juma Ki Namaz Ka Tarika
जुमा की नमाज़ हफ्ते में एक बार जुमा के दिन होती है इसलिए इस नमाज़ को जुमा की नमाज़ कहा जाता है। जुमा की नमाज़ की बेशुमार फ़ज़ीलत हमारे आक़ा हज़रात मुहम्मद मुस्तफा सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बयां फ़रमाया है। हज़रात अबू हुरैरह रदिअल्लहु अन्हु से रिवायत है की हुज़ूर सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया " की जो शख्श अच्छी तरह वजू कर के जुमा की नमाज़ पढ़ने आया और ख़ामोशी से खुत्बा सुना तो उसके लिए इस जुमा से लेकर गुज़रे हुए जुमा तक और तीन दिन और के गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं। सहीह मुस्लिम हदीस नंबर ७५८
जुमा की नमाज़ में कितनी रकत होती है
जुमा की नमाज़ में कुल 14 रकअत नमाज़ होती है। |
4 रकात सुन्नते मौअक्कदा 2 रकात फ़र्ज़ 4 रकात सुन्नते मौअक्कदा 2 रकात सुन्नत 2 रकात नफिल
जुमा की 4 रकत सुन्नत नमाज़ का तरीका
हर नमाज़ की सुन्नत का तरीका एक ही तरह होता है। बस नियत में थोड़ा सा फ़र्क़ होता है।
Juma Ki 4 Rakat Sunnat Ki Niyat
नियत इस तरह करना चाहिए। नियत की मैं ने 4 रकात नमाज़ सुन्नत जुमा की वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर। नियत बांधने के बाद सब से पहले सना पढ़ें फिर आऊज़ुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पढ़ कर सूरह फातिहा पढ़ें फिर बिस्मिल्लाह पढ़ कर कोई सूरत मिलाएं , सूरत पढ़ने के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ और रुकू की तस्बीह यानी सुब्हान रब्बियल अज़ीम पढ़ें। फिर समीअल्लाहु लिमन हमीदा कहतेहुए खड़े हो जाएँ और अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाएँ और कम से कम तीन बार सजदा की तस्बीह पढ़ें यानी सुब्हान रब्बियल आला पढ़ें फिर अल्लाहु आकर कहते हुए बैठ जाएँ फिर दुसरे सजदे में जाकर तस्बीह पढ़ें और अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरी रकअत के लिए खड़े हो जाएँ फिर बिस्मिल्लाह पढ़ कर जैसे पहली रकत पढ़े थे वैसे पढ़ें और दो रकत पर बैठ कर अत्तहिय्यत पढ़ें। फिर दो रकअत वैसे और पढ़ें और चार रकत होने पर फिर से बैठें और अत्तहिय्यत , दुरूदे इब्राहीमी और दुआ मसूर पढ़ कर सलाम फेर दें।
Juma Ki 2 Rakat Farz Ki Niyat | जुमा की 2 रकात फ़र्ज़ की नियत
जुमा की २ रकात फ़र्ज़ की नियत इस तरह करना चाहिए। नियत की मैं ने 2 रकात नमाज़ फ़र्ज़ वास्ते अल्लाह ताला के पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काबा शरीफ की अकबर |
Juma Ki 4 Rakat Sunnat Ki Niyat
नियत इस तरह करना चाहिए। नियत की मैं ने 4 रकात नमाज़ सुन्नत जुमा की वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर। Poori Namaz Waise Hi Ada Karen Jaisa Oopar Bataya Gaya Hai.
Juma Ki 2 Rakat Sunnat Ki Niyat | जुमा की 2 रकात सुन्नत की नियत
जुमा की २ रकात सुन्नत की नियत इस तरह करना चाहिए। नियत की मैं ने 2 रकात नमाज़ सुन्नत वास्ते अल्लाह ताला के पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काबा शरीफ की अकबर |
Juma Ki 2 Rakat Nafil Ki Niyat | जुमा की 2 रकात नफिल की नियत
जुमा की २ रकात नफिल की नियत इस तरह करना चाहिए। नियत की मैं ने 2 रकात नमाज़ नफिल वास्ते अल्लाह ताला के पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काबा शरीफ की अकबर | Maulana Azhar Alimi