किसी काफिर की मौत पर R.I.P. लिखकर स्टेटस लगाना कैसा है ?

Azhar Alimi
22 Dec 2022

किसी काफिर की मौत पर R.I.P. लिखकर स्टेटस लगाना कैसा है ?

मुफ्ती मोहम्मद सद्दाम हुसैन बरकाती फैजी। क्या फरमाते हैं उलमाऐ दिन व मुफ्तीयाने केराम इस मसला में कि किसी काफिर के मरने पर कुछ मुस्लिम हजरात अपने मोबाइल पर स्टेटस लगाते हैं R.I.P. तो इस तरह किसी काफिर की मौत पर स्टेटस लगाना या जबान से रेस्ट इन पीस (Rest In Peace) कहना कैसा है ? पूछने वाले हाफिज मोहम्मद शहबाज बिन हयात अहमद ग्राम बारिकपार सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश। जवाब: R.I.P. (Rest In peace रेस्ट इन पीस) दुआ का जुमला है जिसके माना मरहूम व मगफुर के बनते हैं और काफ़िर को मरने के बाद मगफिरत की दुआ देने को फोकहा ने कुफ्र लिखा है लिहाजा पूछे गए मसले में जिन लोगों ने किसी काफिर को r.i.p. यानी रेस्ट इन पीस के अल्फाज से दुआ दी या किसी काफिर के लिए यह अल्फाज लिखे तो वह तोबा तजदिदे ईमान वा निकाह करें। अल्लामा इब्ने आबिदीन शामी रहमतुल्लाहि अलैहि लिखते हैं:  "ان الدعاء بالمغفرة للكفار كفر لطلبه تكذيب الله تعالى فيما اخبر به " اھ ( رد المحتار علی الدر المختار ، ج٢، ص٢٣٦، کتاب الصلاۃ، باب صفۃ الصلوٰۃ ، دار الکتب العلمیۃ بیروت لبنان) आला हजरत इमाम अहमद रज़ा खान रहमतुल्लाही ताला अलैहि लिखते हैं: "काफिर के लिए दुआ ए मगफिरत वा फातिहा खानी कुफरे ख़ालिस वा तकजिबे कुरआन है" (फतावा रजविय्या जदीद जिल्द 21 पेज़ नंबर 228 , रजा फाउंडेशन लाहौर ) अल्लाह ताला और उसके रसूल ﷺ सबसे ज्यादा जानते हैं। लेखक: मोहम्मद सद्दाम हुसैन बरकाती फैजी। खादिम मीरानी दारुल इफ्ता जामिया फैजाने अशरफ रईसुल उलूम अशरफ नगर खंभात शरीफ गुजरात इंडिया।   27 रबी उल अव्वल 1444 मुताबिक 24 अक्टूबर 2022 ईस्वी मुफ्ती मोहम्मद सद्दाम हुसैन बरकाती फैजी। क्या फरमाते हैं उलमाऐ दिन व मुफ्तीयाने केराम इस मसला में कि किसी काफिर के मरने पर कुछ मुस्लिम हजरात अपने मोबाइल पर स्टेटस लगाते हैं R.I.P. तो इस तरह किसी काफिर की मौत पर स्टेटस लगाना या जबान से रेस्ट इन पीस (Rest In Peace) कहना कैसा है ? पूछने वाले हाफिज मोहम्मद शहबाज बिन हयात अहमद ग्राम बारिकपार सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश। जवाब: R.I.P. (Rest In peace रेस्ट इन पीस) दुआ का जुमला है जिसके माना मरहूम व मगफुर के बनते हैं और काफ़िर को मरने के बाद मगफिरत की दुआ देने को फोकहा ने कुफ्र लिखा है लिहाजा पूछे गए मसले में जिन लोगों ने किसी काफिर को r.i.p. यानी रेस्ट इन पीस के अल्फाज से दुआ दी या किसी काफिर के लिए यह अल्फाज लिखे तो वह तोबा तजदिदे ईमान वा निकाह करें। अल्लामा इब्ने आबिदीन शामी रहमतुल्लाहि अलैहि लिखते हैं:  "ان الدعاء بالمغفرة للكفار كفر لطلبه تكذيب الله تعالى فيما اخبر به " اھ ( رد المحتار علی الدر المختار ، ج٢، ص٢٣٦، کتاب الصلاۃ، باب صفۃ الصلوٰۃ ، دار الکتب العلمیۃ بیروت لبنان) आला हजरत इमाम अहमद रज़ा खान रहमतुल्लाही ताला अलैहि लिखते हैं: "काफिर के लिए दुआ ए मगफिरत वा फातिहा खानी कुफरे ख़ालिस वा तकजिबे कुरआन है" (फतावा रजविय्या जदीद जिल्द 21 पेज़ नंबर 228 , रजा फाउंडेशन लाहौर ) अल्लाह ताला और उसके रसूल ﷺ सबसे ज्यादा जानते हैं। लेखक: मोहम्मद सद्दाम हुसैन बरकाती फैजी। खादिम मीरानी दारुल इफ्ता जामिया फैजाने अशरफ रईसुल उलूम अशरफ नगर खंभात शरीफ गुजरात इंडिया।   27 रबी उल अव्वल 1444 मुताबिक 24 अक्टूबर 2022 ईस्वी