किसी मुस्लमान को काफिर कहना कैसा है ? | Kisi Musalman Ko Kaafir Kahna Kaisa Hai ?
किसी मुस्लमान को काफिर कहना कैसा है ?
Al-Jawab- अगर कोई ऐसे शख्श को काफिर कहे जो जो हकीकत में मुस्लमान हो तो कुफ्र उसी पर पलट कर आता है जैसा की हदीस शरीफ में है की हुज़ूर सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया ''जिस ने अपने भाई को काफिर कहा कुफ्र खुद उस पर पलट आया। (मिश्कात अल मसाबीह पेज ४११) इस हासीस की वज़ाहत में मुल्ला अली करि रहमतुल्लाहि अलैह फरमाते हैं '' कुफ्र उसकी तरफ लौटेगा इसलिए की उसने अपने मोमिन भाई को काफिर कहा है " अलबत्ता जो नाम का मुस्लमान हो मगर हकीकत में मुर्तद मुनाफ़िक़ हो यानी कलमा "ला इलाहा इल्लल्लाह " पढता हो मगर अल्लाह ताला ,हुज़ूर सल्लाहु अलैहि वसल्लम या किसी नबी की तौहीन करता हो या ज़रूरियाते दीं में से किसी बात का इंकार करता हो तो काफिर है और उसे काफिर कहने में कोई हरज नहीं।